about us

https://aartibhajansandhya.blogspot.com/p/about-us.html

कृष्ण सुदामा मिलन (are dwaarpalo kanhaiyya)

 


दोहा –

देखो देखो यह गरीबी, यह गरीबी का हाल |

कृष्ण के दर पे यह विशवास ले के आया हूँ ||

मेरे बचपन का दोस्त हैं मेरा श्याम |

यही सोच कर मैं आस लेके आया हूँ ||


अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो,

कि दर पे सुदामा गरीब आगया है |

भटकते-भटकते ना जाने कहाँ से,

तुम्हारे महल के करीब आगया है ||


ना सर पे हैं पगड़ी, ना तन पे हैं जामा

बता दो कन्हैया को नाम है सुदामा |

इक बार मोहन से जाकर के कह दो,

कि मिलने सखा बदनसीब आ गया है ||


सुनते ही दोड़े चले आये मोहन,

लगाया गले से सुदामा को मोहन |

हुआ रुकमनी को बहुत ही अचम्भा,

ये मेहमान कैसा अजीब आ गया है ||


और बराबर पे अपने सुदामा बिठाये,

चरण आंसुओं से श्याम ने धुलाये |

न घबराओ प्यारे जरा तुम सुदामा,

ख़ुशी का शमा तेरे करीब आ गया है ||


अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो,

कि दर पे सुदामा गरीब आगया है |

भटकते-भटकते ना जाने कहाँ से,

तुम्हारे महल के करीब आगया है ||

Previous
Next Post »